पांच हिस्सों में विविध मधुबाला-प्रसंग ,
प्रस्तुत है..मधुबाला- तीन

पुरुषों की प्रत्येक सफलता
के पीछे ‘मधुबाला‘ एक ,
नहीं चाहता कौन बताओ
‘मधुबाला‘ से प्याला एक ?
नए रूप में ,नए वेष में ,
युग युग में है ‘ मधुबाला ‘ ,
कालातीत है ,अविनासी है ,
सीमापार है ‘ मधुबाला ‘ ।
मधुशाला संसार ,है प्याला देह
प्राण है मधु -हाला,
गुरु बनकर हर देह में भरती
जीने का रस ‘मधुबाला‘।
ताजमहल वह बनवाती है ,
सरकारें गिरवाती है ,
वह मुमताज है , पामेला भी है ,
है मायावी ‘मधुबाला‘।
कर ना पाई कुछ अकबर के
नयनों की भीषण ज्वाला ,
‘ प्यार किया तो डरना क्या ‘
यह खुलकर गा गई ‘मधुबाला‘।
पुरुषों की प्रत्येक सफलता
ReplyDeleteके पीछे ‘मधुबाला‘ एक ,
नहीं चाहता कौन बताओ
‘मधुबाला‘ से प्याला एक ?
मधुशाला संसार ,है प्याला देह
प्राण है मधु -हाला,
गुरु बनकर हर देह में भरती
जीने का रस ‘मधुबाला‘
वेणु जी
बहुत गहराई से आप ने ‘मधुबाला’ को देखा है !कितने रूप और रंगों में वह है ,यह अहसास आपने कराया है।
कर ना पाई कुछ अकबर के
ReplyDeleteनयनों की भीषण ज्वाला ,
‘ प्यार किया तो डरना क्या ‘
यह खुलकर गा गई ‘मधुबाला‘।
बहुत खूब.....!!
वाह... अच्छी रचना.. साधुवाद..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !!!!!
ReplyDeleteबड़ी खुबसूरत है आपकी ये मधुबाला कोई भी बरबस इससे प्यार कर बैठेगा
ReplyDeleteSach kaha,mayavee hai ye Madhubala!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
मधुशाला संसार ,है प्याला देह
ReplyDeleteप्राण है मधु -हाला,
गुरु बनकर हर देह में भरती
जीने का रस ‘मधुबाला‘
bबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई
बहुत ही सुंदर रचना है। ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
ReplyDeletepls visit....
www.dweepanter.blogspot.com
सभी टिप्पणिकारों का हार्दिक धन्यवादण्
ReplyDeleteनववर्ष की असंख्य शुभकामनाएं स्वीकारें।