Tuesday, October 27, 2009

कहां गए वो पागल बादल

कहां गए वो पागल बादल ?

आसमान पर छाने वाले ,
सूरज को ढंक जाने वाले ,
दिन को रात बनाने वाले ,
मृगनयनी की आंख का काजल ।
-कहां गए वो पागल बादल ?

मिट्टी को महकाने वाले ,
नई पौद उकसाने वाले ,
तपती तपन बुझाने वाले ,
मजदूरों की टाट की छागल ।
- कहां गए वो पागल बादल ?

तरसे तो फिर बरसे झम झम ,
डाली डाली झूमी छम छम ,
धूम मचाते बच्चे धम धम ,
बुड्ढों की तेवरियों में बल ।
- कहां गए वो पागल बादल ?

गली गली बन जातीं नदियां ,
रेलों में बह जातीं बदियां ,
बीत गईं वो सादी सदियां ,
पत्थर पत्थर पथ में छल-दल ।
- कहां गए वो पागल बादल ?

बाड़ी बाड़ी खूब सजाते ,
आंगन आंगन फूल खिलाते ,
खेतों खेतों हंसते गाते ,
लिए आंख में करुणा का जल ।
- कहां गए वो पागल बादल ?

वो यौवन थे , वो सावन थे ,
वो जीवन थे , वो साजन थे ,
वो थे तो दिन मनभावन थे ,
उनकी याद है हर क्षण ,हर पल ।
- कहां गए वो पागल बादल ?

3 comments:

  1. कहां गए वो पागल बादल ?

    आसमान पर छाने वाले ,
    सूरज को ढंक जाने वाले ,
    दिन को रात बनाने वाले ,
    मृगनयनी की आंख का काजल ।
    -कहां गए वो पागल बादल ?

    Badhiya

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  2. प्रिय,रामकुमार जी,आप का गीत,कहाँ गए वो पागल वादल मन को छू गया.आप को बधाई. 09818032913

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  3. सुहृद बंधुओं !
    प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद ! कृप्या इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहें।

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