Saturday, November 21, 2009

मधुबाला - दो

भारतीय परिदृश्य मधुबालाओं और उनकी चर्चा से भरा हुआ है। मधुबाला अंग्रेजी में बार गर्ल है। एक मधुबाला वह भी थी जो आज तक अपने सौंदर्य और अभिनय के लिए जानी जाती है। जिसका दुखांत हुआ..प्रेम की असफलता और तरस का दाम्पत्य उसके हिस्से में रहा । मुगलेआजम की अनारकली ही जैसे उसका पर्याय बन गई।
पांच हिस्सों में विविध मधुबाला-प्रसंग प्रस्तुत है..मधुबाला- दो



‘अरुण ये मधुमय देश ‘ कहा क्यों
मधु-प्रसाद जयशंकर ने ?
किसे ‘ जुही की कली ‘ कहा था
सरस निराला के स्वर ने ?

‘चारु चंद्र की चंचल‘ किरणों
में बैठा था ‘ साधक ‘ कौन ?
गुप्त मैथिलीशरण बताएं
मधु-चंद्रिका का आशय मौन ।

किसकी संस्मृति में नौका ले
करने निकले पंत विहार ?
छायावादी कवि करते थे
किसकी छाया में अभिसार ?

काहे ‘मधुशाला‘ लिख बैठे
लाला हरीवंश बच्चन ?
वे थे ‘ मधुबाला ‘ के घायल
कहते हैं सारे लक्षण ।

पी लेते वे घर में छुपकर
क्यों जाते थे ‘ मधुशाला ‘ ?
भुतहा मधुशाला लगती यदि
वहां न होती ‘मघुबाला ‘।

6 comments:

  1. सुंदर जी अद्भुत ..आभार और शुभकामनाएं
    अजय कुमार झा

    ReplyDelete
  2. ks ho apan blogva ye ka banae lio ho hamar sir sasur ghoom gaya...ab bhool gaye tippadi uppadi au laot aayin apa munh leike..dhatta aisene tilism ?

    ReplyDelete
  3. अच्छी रचना। बधाई। ब्लॉगजगत में स्वागत।

    ReplyDelete
  4. anjuri bhar geet nihaarunga man ki aankhon se!
    dard ka rishta banega, man ke hare-hare chhalon se !!
    panch paridrishya aur panch prashan ! saleeke se puchhe gaye prashan achchhe lage !
    blog jagat me aapka swagat karta hun !!
    Anand v. ojha.

    ReplyDelete
  5. रचना बहुत अच्छी है ब्लाग जगत मे आपका स्वागत है शुभकामनायें

    ReplyDelete